Saturday 25 November 2017

बच्चे

                                          

                                               बच्चे 



ये बच्चे, ये बच्चे माता , पिता की जान 
ये बच्चे , ये बच्चे अध्यापको का मान 
   ये बच्चे , ये बच्चे 
ये बच्चो से जुडी हुई हैं  ,माता- पिता की शान 
  ये बच्चो मे  भरा  हुआ हैं ,तरह तरह का ज्ञान  
    ये बच्चे , ये बच्चे 
     इन  बच्चो की अलग है गॅंग 
    यह बच्चो के सब है फॅन 
  सलिए  कहता  हूँ बच्चे  होते  हैं सब की  जान     
                                                                                                    

                                                                                                  नाम: रितेश यादव , कक्षा :९  वी     

दोस्त

   दोस्त 

दोस्त होते है खुशियाँ बाटने के लिए,

   दोस्त होते है गम भूलने के लिए

उनके होने से ख़ुशी होती है 

उनके जाने से दिल रुठ जाते है 

उनके होने से दिल होते है खुशहाल 

उनके रहने से दिल हो जाते है बेहाल 

हर मुश्किल में काम आते है वो 

हर कदम पर साथ निभाते है वो 

चाहे कोई साथ रहे या न रहे , लेकिन

हमेशा साथ रह जाते है वो 

लड़ाइयाँ तो होती है बहोत , लेकिन 

उन लड़ाइयों में भी मजा आता है , क्योकि 

लड़ाई ही तो वो चीज है जिससे प्यार बड़  जाता है 

जब भी सोचती हूँ  अकेले बैठ कर उन लड़ाइयों के बारे में 

खूब हसी आती है खुद पर क्योकि लड़ाई की तो कोई वजह ही नहीं थी 

हम तो युहीं ही लड़ पड़े थी उस वक्त 

सोचती हूँ  की काश ये वक्त यही थम जाए और मै रह जाऊ उनके साथ हर वक्त 

क्योकि कम्बख्त है ही ऐसे छोड़ के जाने का मन ही नहीं होता 

रब से करती हु मैं ये दुआ की लगे न नजर हमारी दोस्ती को 

कभी भी उनपर कोई मुसीबत न आये और उनकी आखों से कोई आंसू की बूँद न छलके 

उनसे टकराने वाली हर मुसीबत मुझसे आके निपटे , और 

हमारी दोस्ती कभी न टूटे  | 


नाम : सिमरन श्रीवास्तव ,  कक्षा : ९ वी  



 
                                                  

हमारी प्यारी आशा

                                                        
हमारी  प्यारी आशा



आशा  हो तो ऐसी 
जो सबको करती बैचेन निंदो  में। 
जाते है कहा तो आती है उसकी याद ,
दिन ढलता नहीं बिन उसके साथ। 


टीचर भी इतने अच्छे की,
बच्चे को भी बनाते सच्चे। 
दिन चला जाता है यादो में उसकी ,
सोच में पड़ जाता है, हर कोई  इसके। 
           
          यही तो है आशा और उसका प्यार। 


नाम : तुषार  सरदार  , कक्षा : नौवी